लेखनी प्रतियोगिता -06-Jul-2023 सोलह सोमवार ब्रत का महत्व
सोलह सोमवार का महत्व
"राजबाला अब मैं बहुत थक गया हूँ। मैने कशिश के लिए इतने लड़के देखे है लेकिन कोई भी लड़का जम नहीं रहा है। किसी में कुछ कमी निकल आती है तौ दूसरे में कुछ और कमीं निकल आती है। : राम प्रकाश अपनी पत्नी से कुर्सी पर बैठते हुए बोले।
"आप ऐसा करो इसकी जन्म पत्रिका किसी ज्योतिषी को दिखाओ जिससे पता चल जायेगा कि क्या कमी है ? वह यह भी बता देगा कि कि कोई पूजा पाठ करवाना हो तो वह करवा देंगे।" राजबला अपने पति से बोली।
" चलो ऐसा भी करके देख लेता हूँ । शास्त्री जी से बात करता हूँ। वह जो भी उपाय बतायेगे वह करके देखूँगा शायद समस्या का कुछ हल निकल ही आये।ओ?" इतना कहकर राम प्रकाश कशिश की जन्म पत्रिका लेकर शास्त्री जी के पास चल दिए
राम प्रकाश ने शास्त्री जी राम राम की और वहाँ जाकर बैठ गये।
"रामप्रकाश जी आज कैसे रास्ता भूल गवे?" शास्त्री जी ने पूछा।
" क्या बताऊँ शास्त्री जी बेटी के लिए बहुत रिश्ता देख चुका हूँ? परन्तु कहीं भी बात नहीं बन रही है। इसीलिए उसकी जन्म पत्रिका लेकर आया हूँ आप इसे देखकर बताओ कौनसा ग्रह परेशान कर रहा है? " इतना कहकर रामप्रकाश ने कशिश की जन्म पत्रिका शास्त्री जी की तरफ बढ़ादी।
शास्त्री जी ने जन्म पत्रिका पर नजर मारी और वह लम्बी सांस लेकर बोले ," रामप्रकाश जी अब श्रावण का महीना आग्या है और कल श्रावण का पहला सोमवार है। बेटी से सोलह सोमवार का ब्रत करवाओ भोले नाथ की कृपा से सब कुछ ठीक हो जायेगा ,चिन्ता मत करो। ईश्वर पर विश्वास करो क्यौकि वक्त से पहले कोई काम नहीं होता है।"
"ठीक है शास्त्री जी ! ग्रह तो ठीक है कोई पूजा-पाठ करवाना हो तो बता देना। ईश्वर का दिया हुआ सब कुछ है। " इतना कहकर राम प्रकाश ने शास्त्री जी को उनकी दक्षिणा देकर घर वापिस आ गए।
" क्या बताया शास्त्री जी ने ? सब ठीक है?" रामप्रकाश की पत्नी ने पूछा।
" सब ठीक है कशिश को सोलह सोमवार ब्रत करने को कहा है।" रामप्रकाश ने उत्तर देते हुए कहा।
रामप्रकाश की पत्नी ने अपनी बेटी कशिश से सोलह सोमवर का ब्रत करने की सलाह दी। कशिश भी इसके लिए तैयार होगयी। उसने दूसरे दिन ही ब्रत करना आरंभ कर दिया। कशिश सु बह जल्दी उठकर स्नान कर भोलेनाथ के मन्दिर गयी। भोलेनाथ का दूध व जल से अभिषेक किया। और र उसने सोलह सोमवार ब्रत की कथा पढ़ी। और पूरे दिन व्रत किया।
कशिश को व्रत करते हुए पांच सोमवार का समय ब्यक्त होगये। कशिश की पूजा-पाठ ने रंग दिखाना शुरू कर दिया। अब कशिश की शादी की बात पक्की होगई। एक लड़का मिल गया और सोलह सोमवार ब्रत पूरे होने से पहले ही उसकी शादी भी होगयी।
इस प्रकार सोलह सोमवार का व्रत करने से शादी-ब्याह में सफलता मिल जाती है। हमारे सनातन धर्म में सोलह सोमवार ब्रत का बहुत महत्व बताया गया है।
आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा "पचौरी "
Milind salve
07-Jul-2023 03:21 PM
शानदार
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वानी
06-Jul-2023 07:29 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
06-Jul-2023 06:39 PM
शानदार कहानी सर 👌👌👌👌
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